सूनी सड़क
आज मौसम बड़ा सुहाना था,
बरसात जो होने वाला था,
मैं निकला एक अरसे बाद,
बाज़ार को जाने वाला था।
हवा के एक तेज झोंके ने,
मेरे रुख को था मोड़ दिया,
मैं मुख्य सड़क को छोड़
" सुनसान सड़क " पे जा पहुंचा।
वो सड़क मुझे थी खास कभी,
किसी 'खास संग' मेरा जाना था,
वो सड़क तब भी थी ' सुनसान ' यूं ही,
पर वहां रोज़ "हमारा" जाना था।
आज बहुत दिनों के बाद मुझे,
उस सड़क का दुख आभास हुआ,
क्यूंकि मेरे दिल का भी,
उस 'सूने सड़क' सा हाल हुआ।
मैं बैठा आज उस सड़क पे,
उसके दुख को था बांट रहा,
एक लंबे अरसे बाद हमें,
अपनेपन का अहसास हुआ।
Alisha ansari
25-Jul-2021 05:03 PM
Nice
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Ritesh Kumar Jaiswal
25-Jul-2021 09:17 PM
Thanks
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